
NRI Herald
युद्ध कर , मन को शुद्ध कर ! !
लोकेश शर्मा जी द्वारा रचित सुंदर कविता - NRI हेराल्ड ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रकाशित, 21 September 2021
युद्ध कर
असत्य के विरुद्ध कर !
प्राण फूँक दे
रण में काल फूंक दे !
उठ धरा से
आकाश में ललाट फूँक दे !
शरीर मात्र है
तू आत्मा फूँक दे
घाव है - तो रक्त है
बहे युद्ध में शौर्य फूँक दे !
हो स्थिर मध्य में
गांडीव की प्रत्यंचा तान दे !
युद्ध कर
मन को शुद्ध कर
असत्य के विरुद्ध कर !
प्रहार ये पुनः कर
अध्यात्म है ये बीच रण का
एक चित हो लक्ष्य धर !
बन युद्धवीर,
त्याग निराशा
कर्म योग ही है परिभाषा !
है चुनौती निरंतर
अतः युद्ध कर !
मृत्यु अटल है
आत्मा निश्छल है !
तू युद्ध कर
असत्य के विरुद्ध कर !
उठ फिर से
तू युद्ध कर !

लोकेश शर्मा जी की पैदाइश दिल्ली और स्कूली शिक्षा हिमाचल प्रदेश की राजकीय पाठशाला से हिंदी माध्यम में प्राथमिक एवम् वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा से है, उसके उपरांत औषधी विज्ञान में स्नातक प्राप्त करके उसी क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया में एक मल्टीनैशनल फार्मा कंपनी में कार्यरत हैं , स्वयं को एक भाषा प्रेमी मानते हैं, हिंदी, उर्दू, डोगरी, बंगाली, हरियाणवी, पंजाबी बखूबी बोल लेते हैं. शब्दों का विश्लेषण कर भाषा को समजने का प्रयास करना पसंद है , मानते है, संस्कृत के ही शब्द हर भाषा में मिलते हैं. गीता ज्ञान को जीवन का मार्ग दर्शक बना के आगे बड़ते है.