
NRI Herald
हे केशव तुम फिर से आ जाओ !
Updated: Aug 15, 2021
लोकेश शर्मा जी द्वारा रचित - NRI हेराल्ड हिन्दी द्वारा प्रकाशित , 23 July 2021

हे केशव तुम फिर से आ जाओ,
फिर से गीता का ज्ञान पढ़ा जाओ !
आज फिर से धर्म क्षेत्र मे ,
अर्जुन असमंजस में हैं पड़ रहा,
शत्रु है मन यहाँ,
हर प्रकार की माया से है छल रहा,
हे केशव तुम फिर से आ जाओ,
फिर से गीता का ज्ञान पढ़ा जाओ ।
फिर से (सात्विक, रज्जो, तामसिक)
उन तीन गुणो का महत्व सिखला जाओ,
हे केशव तुम फिर से आ जाओ ।
फिर से शत्रु मन बलशाली हुआ,
मन को वश में करना सिखला जाओ ,
हे केशव तुम फिर से आ जाओ ।
इंद्रियों के अश्व लिए शत्रु मन दौड़ रहा ,
मेरे भारत का अर्जुन फिर से डोल रहा,
आके फिर से कर्म योग सिखला जाओ ,
हे केशव तुम फिर से आ जाओ ।
है व्याकुल भारत की धरती फिर यहाँ,
माटी में है विष मिला ,
काया रोगों से ग्रसित है ,
रिश्तों में ना अब विश्वास रहा
हे नारायण फिर से अपना रूप दिखाओ,
भारत के अर्जुन को आश्वस्त कराओ ।
हे केशव तुम फिर से आ जाओ ,
फिर से गीता का ज्ञान पढ़ा जाओ ।
हे केशव तुम फिर से आ जाओ ,
हे केशव ..

लोकेश शर्मा जी की पैदाइश दिल्ली और स्कूली शिक्षा हिमाचल प्रदेश की राजकीय पाठशाला से हिंदी माध्यम में प्राथमिक एवम् वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा से है, उसके उपरांत औषधी विज्ञान में स्नातक प्राप्त करके उसी क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया में एक मल्टीनैशनल फार्मा कंपनी में कार्यरत हैं , स्वयं को एक भाषा प्रेमी मानते हैं, हिंदी, उर्दू, डोगरी, बंगाली, हरियाणवी, पंजाबी बखूबी बोल लेते हैं. शब्दों का विश्लेषण कर भाषा को समजने का प्रयास करना पसंद है , मानते है, संस्कृत के ही शब्द हर भाषा में मिलते हैं. गीता ज्ञान को जीवन का मार्ग दर्शक बना के आगे बड़ते है.