
NRI Herald
मेरी बोली हरियाणवी भाषा हिन्दी है
Updated: Jul 30, 2021
लोकेश शर्मा जी द्वारा हिन्दी प्रेमियों के लिए रचित कविता - NRI हेराल्ड हिन्दी द्वारा प्रकाशित, 29 July 2021

जेसे अंग्रेज़ी में he, she और you है,
माहरी हरियाणवी में सीधा ही .. तू .. है |
क्यूँकि हरियाणा रिश्तों से हैं बना जुड़ा,
इसलिए आप, तुम, तुम्हारे से पहले,
छोटा,बड़ा, सब तू , के दायरे में है खड़ा.
परमात्मा से लेकर, हर आत्मा तक तू है ,
इसलिए हरियाणे के हर भाव में .. तू है !
तू मौखिक है, तू आलोकिक है ,
तू है ज़ुबानी, तू है मुख़ ज्ञानी |
तू सूण सूण के आती है, ओर बोल बोल के ही बोली जाती है ,
तू बोली है, भाषा है, मुख से ही भाषित है ,
इसीलिए, बोल तेरे शासित है !
लिपि तेरी हिंदी , अक्षर देवनागरी है !
भारत का गौरव तू , हरियाणा में रागणी बन के बहती है !
तेरा ज्ञान जुगो जुगांतर से आया है ,
म्हारे मात पिता से हमने ,
ओर उनके मात पिता से, उन ने पाया है।
जेसे गीता का ज्ञान अर्जुन ने कृष्ण से पाया है ,
वैसे ही हरियाणा ने हमें सिखाया है |
मेरी बोली हरियाणवी |

लोकेश शर्मा जी की पैदाइश दिल्ली और स्कूली शिक्षा हिमाचल प्रदेश की राजकीय पाठशाला से हिंदी माध्यम में प्राथमिक एवम् वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा से है, उसके उपरांत औषधी विज्ञान में स्नातक प्राप्त करके उसी क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया में एक मल्टीनैशनल फार्मा कंपनी में कार्यरत हैं , स्वयं को एक भाषा प्रेमी मानते हैं, हिंदी, उर्दू, डोगरी, बंगाली, हरियाणवी, पंजाबी बखूबी बोल लेते हैं. शब्दों का विश्लेषण कर भाषा को समजने का प्रयास करना पसंद है , मानते है, संस्कृत के ही शब्द हर भाषा में मिलते हैं. गीता ज्ञान को जीवन का मार्ग दर्शक बना के आगे बड़ते है.